वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१३ अप्रैल २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />भय से भक्ति करें सबे, भय से पूजा होय |<br />भय पारस है जीव को, निरभय होय न कोय ||<br /><br />प्रसंग:<br />मन तुम्हारा पूरा भय से युक्त,कभी मत कहना तुम भय से मुक्त?<br />"भय से भक्ति करें सबे, भय से पूजा होय" कबीर किस भय की बात कर रहे है?<br />भय से कैसे मुक्ति मिलेगी?<br />अपने अंदर भय कहाँ से उठती हैं?